किसान भाईयों थ्रिप्स कीट पत्तियों को खुरच कर रस को चूसने का काम करता है। पत्तियों में रस की कमी होने पर किनारे जलने लगते हैं। अधिक प्रकोप होने पर पूरे पौधे की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। जिससे पौधे का विकास रुककर धीरे-धीरे सूखने लगते हैं।
रोकथाम के उपाय
👉इसके नियंत्रण के लिए फिप्रोनिल 5% SC की 400 मिली मात्रा का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
👉इस समस्या के नियंत्रण के लिए 250 मिली लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 4.9% CS का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
👉इसके नियंत्रण के लिए एसीफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% SP की 400 ग्राम मात्रा का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
👉जैविक नियंत्रण में 600 मिली नींम आंयल 3000 ppm का प्रति एकड़ की दर से उपयोग करें।
👉इसके प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ खेत में 20 नीले-रंग के ट्रेप लगाएं।
◾किसान भाइयों इस पोस्ट में बताई गई दवाओं में से 1 दवा का प्रयोग 150 से 200 लीटर पानी में मिलाकर करने से फसल को थ्रिप्स कीट के प्रकोप से बचा सकते हैं। इसके लिए आप कृषि अधिकारी से भी